बुलगारिया में भूत के विषय में यह भी कहा जाता है कि यह किस्म किस्म के रूप बदलनें में माहिर होता है । भूत कैसे बनते हैं ? इसके विषय में दुनिया में बहुत अलग अलग मान्यतायें है । बुलगारिया में इन्हें अतृप्त आत्मा के रूप में बताया गया है । भूत प्रेत या तो दुष्ट आत्मायें होती है । या ऐसे लोग । जिनकी कोई इच्छा अधूरी रह गयी होती है । कुछ कहानियों में इन्हें अकाल मृत्यु से मरे हुए लोगों के रूप में बताया जाता है । जो पिछली जिंदगी का समय पूरा होने से लेकर । नयी जिदंगी मिलने तक के समय के बीच वाले हिस्से को भूत प्रेत बनकर गुजारते हैं ।
जब किसी आदमी की आत्मा अपना शरीर छोड़ने से इंकार कर देती है । तो उसके मरने पर दफनाये जाने के 40 दिन बाद वह अपनी ही कब्र खोदकर बाहर आ जाते हैं - बुलगारिया के भूत । ये इंसानों का खून पीने वाले भूत होते हैं । पर ये तभी इंसानों का खून पीते हैं । जब उन्हें खाने पीने को न मिले । इनके चलने से चिंगारियां छूटतीं है ।
लोक कथाओं में कल्पना कि्ये गये इस भूत के बारे में बुल्गारिया निवासी मानते हैं कि - इसकी नाक में 1 छेद ही होता है । और कई फुट लम्बी जीभ आगे के सिरे से 2 भागों में फटी रहती है । खाने पीने के मामले में अलग च्वाइस होने के बाद भी यहाँ के निवासी भूतों को बिगड़ैल और ऊधम मचाने वाला मानते हैं ।
कुछ निवासी यह भी मानते हैं कि आमतौर पर खून न पीने वाला घर की तमाम खाने पीने वाली चीजों को भी चट कर जाता है । जिनमें बचाव के लिये गोबर का धब्बा न लगाया गया हो । बुलगारिया की डरावनी कहानियों में भूत को उबोर नाम से कहा जाता है ।
कहा जाता है । भूत ऐसे लोग भी बन जाते हैं । जिनकी अंतिम क्रिया दाह कर्म आदि विधिवत ठीक ढ़ंग से नहीं होता । भूतों के विषय में खास बात यह भी है कि भूतों के न होने के संदर्भ में भी तमाम शोध आये हैं । लेकिन भूतों के विषय पर तमाम किताबें लिखने वाले तक 1 भी ऐसा तथ्य नहीं रख पाये । जिसकी वैज्ञानिक पुष्टि हो सकती । इसके बावजूद भी इस दुनियाँ में भूतों पर विश्वास करने वालों की बहुत अधिक तादाद है ।
भूत प्रेतों की कहानियों में कहीं कहीं ऐसा भी वर्णन आता है । जिसमें कहा गया है कि कुछ भूत आपके परिचितों में से ही किसी एक का वेष धारण करके नाक दबा दबाकर मिमियाते हुए बातें करते हैं । रात के वक्त ये भूत प्रेत आपको रास्ता भी भुला देते हैं । या खांमख्वाह की बकवास जैसी अजीब सी बातें करते हैं ।
- भूतों के विषय में कुछ आम मान्यतायें वैसी ही हैं । जैसी दुनिया के बाकी हिस्सों में सभी जगह पायी जाती हैं ।
- भूतों को अक्सर गन्दे लोग । गन्दी जगह । और अंधेरा बहुत पसंद होता है ।
- भूतों के पास कुछ विशेष अमानवीय शक्तियाँ होती है । जिससे वह क्षण भर में कोई भी भेष धारण कर लेते है । कभी सांड़ बन जाते हैं । कभी धुयें का गुबार । कभी कुछ और ।
- भूत कभी कभी 5-700 साल से लेकर हजारों साल पुराने भी हो सकते हैं ।
- भूतों की परछाईयाँ । सीसे और पानी धूप में छाया पर नहीं बनती ।
- भूत दिन में खण्डहरों । सीलन युक्त । बदबूदार स्थानों में भी आराम करते हैं ।
- भूत से डरना नहीं चाहिये । वह खुद आदमी से डरता है । वास्तव में वह इंसानों से सम्पर्क का इच्छुक होता है ।
- कुछ भूतों की आंखों में सम्मोंहित करने की भी क्षमता होती है । उनकी तरफ देखने के बाद आप अपने वश में नहीं रह सकते । और उनके वश में हो सकते हैं ।
भूत बनने से कैसे बचा जा सकता है ? दुनियाँ में प्रचलित कुछ मान्यतायें ।
पुरातन काल से तमाम कबीलों के लोग इन बातों के प्रति खासे सचेत रहे कि - उनके प्रियजन भूत न बनने पायें । सो कुछ अलग अलग नुस्खे अलग अलग क्षेत्रों में खासे चर्चा में रहे हैं ।
- मरने के बाद यदि आदमी को ठीक ढ़ग से जलाया गाड़ा नहीं जाता । तो ऐसा व्यक्ति भूत बन सकता है ।
- आत्म हत्या करने वाले अतृप्त आत्मा बनते हैं । इसलिए जैसे भी हो सके । आत्महत्या अकाल मृत्यु से बचा जाये ।
- कुछ प्रांतों में बच्चों की कब्रें 3 साल बाद । किशोरों की कब्र 5 साल बाद । और बड़ों की कब्रें 7 साल बाद खोलकर यह सुनिश्चित किया जाता था कि उनके कब्रिस्तानों में भूत तो अपना डेरा नहीं जमाये ।
कहीं कहीं यह परम्परा है कि भूतों से बचने के लिए खिड़कियों में लहसुन रगड़ा जाये । भूतों के प्रकोप से बचाने के लिए जानवरों के शरीर पर लहसुन रगड़नें की भी बहुत अधिक परम्परा है ।
जब किसी आदमी की आत्मा अपना शरीर छोड़ने से इंकार कर देती है । तो उसके मरने पर दफनाये जाने के 40 दिन बाद वह अपनी ही कब्र खोदकर बाहर आ जाते हैं - बुलगारिया के भूत । ये इंसानों का खून पीने वाले भूत होते हैं । पर ये तभी इंसानों का खून पीते हैं । जब उन्हें खाने पीने को न मिले । इनके चलने से चिंगारियां छूटतीं है ।
लोक कथाओं में कल्पना कि्ये गये इस भूत के बारे में बुल्गारिया निवासी मानते हैं कि - इसकी नाक में 1 छेद ही होता है । और कई फुट लम्बी जीभ आगे के सिरे से 2 भागों में फटी रहती है । खाने पीने के मामले में अलग च्वाइस होने के बाद भी यहाँ के निवासी भूतों को बिगड़ैल और ऊधम मचाने वाला मानते हैं ।
कुछ निवासी यह भी मानते हैं कि आमतौर पर खून न पीने वाला घर की तमाम खाने पीने वाली चीजों को भी चट कर जाता है । जिनमें बचाव के लिये गोबर का धब्बा न लगाया गया हो । बुलगारिया की डरावनी कहानियों में भूत को उबोर नाम से कहा जाता है ।
कहा जाता है । भूत ऐसे लोग भी बन जाते हैं । जिनकी अंतिम क्रिया दाह कर्म आदि विधिवत ठीक ढ़ंग से नहीं होता । भूतों के विषय में खास बात यह भी है कि भूतों के न होने के संदर्भ में भी तमाम शोध आये हैं । लेकिन भूतों के विषय पर तमाम किताबें लिखने वाले तक 1 भी ऐसा तथ्य नहीं रख पाये । जिसकी वैज्ञानिक पुष्टि हो सकती । इसके बावजूद भी इस दुनियाँ में भूतों पर विश्वास करने वालों की बहुत अधिक तादाद है ।
भूत प्रेतों की कहानियों में कहीं कहीं ऐसा भी वर्णन आता है । जिसमें कहा गया है कि कुछ भूत आपके परिचितों में से ही किसी एक का वेष धारण करके नाक दबा दबाकर मिमियाते हुए बातें करते हैं । रात के वक्त ये भूत प्रेत आपको रास्ता भी भुला देते हैं । या खांमख्वाह की बकवास जैसी अजीब सी बातें करते हैं ।
- भूतों के विषय में कुछ आम मान्यतायें वैसी ही हैं । जैसी दुनिया के बाकी हिस्सों में सभी जगह पायी जाती हैं ।
- भूतों को अक्सर गन्दे लोग । गन्दी जगह । और अंधेरा बहुत पसंद होता है ।
- भूतों के पास कुछ विशेष अमानवीय शक्तियाँ होती है । जिससे वह क्षण भर में कोई भी भेष धारण कर लेते है । कभी सांड़ बन जाते हैं । कभी धुयें का गुबार । कभी कुछ और ।
- भूत कभी कभी 5-700 साल से लेकर हजारों साल पुराने भी हो सकते हैं ।
- भूतों की परछाईयाँ । सीसे और पानी धूप में छाया पर नहीं बनती ।
- भूत दिन में खण्डहरों । सीलन युक्त । बदबूदार स्थानों में भी आराम करते हैं ।
- भूत से डरना नहीं चाहिये । वह खुद आदमी से डरता है । वास्तव में वह इंसानों से सम्पर्क का इच्छुक होता है ।
- कुछ भूतों की आंखों में सम्मोंहित करने की भी क्षमता होती है । उनकी तरफ देखने के बाद आप अपने वश में नहीं रह सकते । और उनके वश में हो सकते हैं ।
भूत बनने से कैसे बचा जा सकता है ? दुनियाँ में प्रचलित कुछ मान्यतायें ।
पुरातन काल से तमाम कबीलों के लोग इन बातों के प्रति खासे सचेत रहे कि - उनके प्रियजन भूत न बनने पायें । सो कुछ अलग अलग नुस्खे अलग अलग क्षेत्रों में खासे चर्चा में रहे हैं ।
- मरने के बाद यदि आदमी को ठीक ढ़ग से जलाया गाड़ा नहीं जाता । तो ऐसा व्यक्ति भूत बन सकता है ।
- आत्म हत्या करने वाले अतृप्त आत्मा बनते हैं । इसलिए जैसे भी हो सके । आत्महत्या अकाल मृत्यु से बचा जाये ।
- कुछ प्रांतों में बच्चों की कब्रें 3 साल बाद । किशोरों की कब्र 5 साल बाद । और बड़ों की कब्रें 7 साल बाद खोलकर यह सुनिश्चित किया जाता था कि उनके कब्रिस्तानों में भूत तो अपना डेरा नहीं जमाये ।
कहीं कहीं यह परम्परा है कि भूतों से बचने के लिए खिड़कियों में लहसुन रगड़ा जाये । भूतों के प्रकोप से बचाने के लिए जानवरों के शरीर पर लहसुन रगड़नें की भी बहुत अधिक परम्परा है ।
No comments:
Post a Comment