इस वेबसाइट के भूत प्रेत पर आधारित सामग्री को केवल मनोरंजन के रूप में लें, यहाँ पर प्रकाशित अधिकतर कहानियाँ श्रुति पर आधारित है, हमारा उद्देश्य सिर्फ पाठकों को मनोरंजन प्रदान करना है न कि आधुनिक समाज में भूत-प्रेत के अस्तित्व को बढ़ावा देना।

February 11, 2014

Hindi Horror Story - बेरी पोमेरॉय कैसल (किला)

दुनिया में हम अपने वर्तमान और भविष्‍य को बदल सकते है, लेकिन जो हमारा भूत होता है, या जिसे हम अति‍त कहतें है उसे बस याद किया जा सकता है, या‍ फिर दोहराया जा सकता है। जहां भविष्‍य के लिए योजनाए बनायी जा सकती है, लेकिन वर्तमान हमारी सोच पर हावी रहता है और इन्‍ही दोनो के द्वंद के कारण कभी कभी हम अपने अतित को भूल जातें है।

जहां तक बात की जाये अतित की तो वो, एक ऐसा समय होता है जो, अच्‍छा हुआ तो हम उसे बार बार याद करना या उसे दोहराना चाहते है लेकिन यदि वो समय बुरा था तो उसे याद करने मात्र से सही हमारी रूह कांप जाती है। रूह आखिर क्‍या हो सकती है। इसके बारें में हमने आपकों अपने पूर्व के लेखों में भी बताया है। लेकिन एक खास बात जो कि हमने आपको बतायी थी कि रूहे अपना जीवन काल पूरा करने के लिए ही इस मृत्‍युलोक में विचरण करती रहती है।

लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी अकांक्षाए और शक्तियां होती है, जिसके आगे भगवान, और समय भी ठहर जाता है। आपके दिमाग में ये बात हमेशा आती होगी कि जब जीव को केवल अपना समय ही पुरा करना होता है तो हमारे लेखों में वर्णीत रूहों जो कि सैकड़ो सालों से उनके होने का आभास किया जाता है, वो आखिर कैसे हो सकती है। इसका कुछ स्‍पष्‍ट कारण खोज पाना शायद मुश्‍कल होगा, लेकिन असंभव नहीं। जिस तरह सूर्य चाहें अपनी रौशनी पर कितना भी इतराए लेकिन उसे भी अंधेरे की उतनी ही जरूरत होती है।

यह बिलकुल सत्‍य है। दुनिया में उसी जीव की आत्‍मा अपने, योनी से अलग होकर दुनिया में अपनी उस लगाव वाले, व्‍यक्ति, जगह, या फिर अपनी इच्‍छापूर्ति के लिए विचरण करती रहती है। इन दीर्घ इच्‍छा वाली रूहों के सामने भगवान भी अपने नियम में परिवर्तन कर देंते है, और वो एक अहसास बनकर दुनिया में घुमती रहती है। अभी तक आपने इस सीरीज में दुनिया के बहुत से खौफनाक जगहों की सैर की, जहां रूहों का आज भी कब्‍जा है। आज हम आपकों दुनिया के एक ऐसा किले के बारें में बताऐंगे, जहां आज भी दो औरते मौत के सैकड़ो सालो बाद भी पुरे किले में अपना कब्‍जा जमाए हुए है।


बेरी पोमेरॉय कैसल (किला) 

बेरी पोमेरॉय कैसल का निर्माण तेरहवी शताब्‍दी के अंत में हेनरी पेमोरॉय द्वारा कराया गया, इन्‍होने ही इसका निर्माण शुरू किया जो कि कई वर्षो तक चलता रहा और इनकी मौत के बाद यह किला बनकर तैयार हुआ। यह किला इंगलैंड में बनवाया गया है। चारो तरफ से मजबूत दिवारों से ढका और इस किले के बीच में दो टावर वनवाए गये है। इस किले की जमीन को उस समय के इंगलैंड के तत्‍कालिन राजा विलियम ने राल्‍फ डे पेमोरॉय को उनके वफादारी और जंग के समय सहयोग करने के लिए तोहफे में दिया था।

इस किले में लगभग 500 वर्षो तक पोमेरॉय परिवार रहा उसके बाद, सन 1540 में इस किले को उस समय के प्रभावशाली एडवर्ड शेमौर ने खरीद लिया। एडवर्ड शेमौर हेनरी अष्‍ठम की पत्‍नी जेन शेमौर का भाई था। एडवर्ड भगवान को मानने वाला था, और भगवान के मानने वालों की रक्षा के लिए सदैव तत्‍पर रहता था। इसके कारण एडवर्ड ने दुनिया में बहुत से दुश्‍मन भी बना लिए थे।

1549 में एडवर्ड को उसके पद से हटा दिया गया और उसे टावर ऑफ लंदन में कैद कर दिया गया। इस दौरान उसे भयानक यातनाएं भी दी गयी। एडवर्ड पर उस समय 29 मामलो में आपरोपित घोषित किया गया था, जिसके बाद 22 जनवरी 1952 को उसे मौत की सजा दे दी गयी और उसका बेरहमी से कत्‍ल कर दिया गया। उसके बाद से इस किले पर इंग्‍लैंड के राजपरिवार ने कब्‍जा कर लिया।


क्‍या हुआ किले में 

यह किला कई हादसों और, घटनाओं का गवाह रहा है जिनमे से दो ऐसी घटनाएं थी, जिसे सुनकर किसी भी इंसान का दिल थम सकता है। लेडी मारगेट पॉमेराय और उसकी बहन लेडी एलेनौर पोमेरॉय दोनो ही इस किले में रहा करती थी। एलेनार, उम्र में बड़ी थी, और स्‍वभाव से घमंडी भी थी। उस समय मारगेट के रूप की चर्चा बहुत थी, वो स्‍वभाव और अपनी खुबसुरती दोनो से ही हर दिल अजीज थी। किले में चारों तरफ उसकी तारीफ होती थी।

जो कि एलेनॉर को रास नही आता था। एलेलनॉर मारगेट के रूप से बहुत जलती थी, और वो उसे बिलुकुल भी पसंद नहीं करती थी। उस समय एलेनॉर ही किले की मालकीन थी, चूकिं वो उम्र में बड़ी थी तो सभी उसके हूक्‍म की तामिर करते थे। इसी का फायदा उठाकर उसने एक खडयंत्र रच कर मारगेट को सलांखों के पिछे डाल दिया। जेल में मारगेट को बहुत यातनाएं दी जाती थी। यहां तक की एलेनॉर ने उसका खाना पीना भी बंद करा दिया जिससे उसकी भूख से तड़पकर मौत हो गयी।

इसके अलांवा एक हादसा और हुआ, जो कि मानवता की सारी हदें पार कर दिया। इस किले के बारे में एक ऐसी भी क्‍वीदंती है कि उस समय के एक प्रारंभिक नार्मन गुरू इस किले में रहा करतें थे। जिन्‍होने इंसानियत की सारी हदें पार कर अपनी ही बेटी से अवैध संबंध स्‍थापित कर लिया था। कुछ समय बाद उस लड़की ने एक बेटे को जन्‍म दिया जिसे उस गुरू किले के एक टावर के उपर वाले कमरें में टांग दिया था, और उसे मार दिया।


किले में दो औरतों की रूहे 

किले में दो औरतों की रूहों का बसेरा आज भी है। एक जो कि व्‍हाईट लेडी के नाम से मशहू है, और दूसरी जो कि ब्‍लू लेडी के नाम से। आज भी इस किले के दरो दिवार में उनकी चिखें कैद है। गाहें-बगाहें कभी भी इनकी सिसकीयां और चिखें लोगों को चौका देती है।



व्‍हाईट लेडी 

किले में मारगेट टावर के नाम से एक टावर है जहां मारगेट रहा करती थी। मारगेट को उसकी बहन ने कैद की उसे भूखमरी से मार दिया था। आज भी मारगेट की रूह उस टावर को छोड नही सकी है। हमेशा शाम को मारगेट टावर पर एक नीली रौशनी दिखायी देती है। वो रौशनी कहां से आती है इसके बारें में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है। जब आप इस किलें में प्रवेश करेंगे तो किले के बीचों बीच यह टावर स्थित है।


इस टावर के पास यदि कोई पुरूष जाता है तो मारगेट की रूह उसे धिमें धिमें अपनी तरफ आकर्षित करती है, इतना ही नहीं इस रूह का आकर्षण इतना तेज है कि लोग आप समझ भी नहीं पायेंगे और आप इसकी गिरफ्त में आ जायेंगे। यह लोगों को मारगेट टावर की तरफ खिंचती है। टावर के अंदर एक संकरी गली है, जैसे ही उस गली में कोई पुरूष मारगेट के रूह के वशीभूत होकर प्रवेश करता है उसी वक्‍त अचानक तेज चींख, और कराहने की आवाज कानों में स्‍पष्‍ट सुनायी देती है।


ब्‍लू लेडी 

ब्‍लू लेडी किले के किले के चारों तरफ घुमती रहती है। इसे दिन में भी महसूस किया जाता है, यहां तक की उसके सायें को आसानी से देखा जा सकता है। यह 1800 शताब्‍दी की बात है डा वाल्‍टर उस समय इस किले में चिकित्‍सक के तौर पर नियुक्‍त थे। एक दिन एक प्रबंधक की पत्‍नी किले में सिड़ीयों से गिर गयी और बुरी घायल होकर बिमार पड़ गयी।

उस समय वाल्‍टर उन्‍हे, देखने के लिए किले में पहुंचा। वाल्‍टर जैसे ही उस बिमार महिला के कक्ष में पहुंचा तो उसे कोई अजीब सी आवाज सुनायी दी। वाल्‍टर घबरा गये, और उन्‍होने आवाज जिधर से आ रही थी, उधर गौर किया। तो उन्‍हे सिड़ीयों के पास किसी साये का आभास हुआ। उन्‍होने आवाल लगायी कि कौन है वहां, वाल्‍टर के इतना कहते ही वो साया ए‍क आकार में परिवर्तित हो गयी। उसके बाद वाल्‍टर उस महिला का इलाज करने लगे।

इलाज के दौरान उस महिला ने भी उसी साये का जिक्र किया। जिसके बाद उस प्रबंधक को लगा कि उसकी पत्‍नी अब नहीं बचेगी, लेकिन वाल्‍टर ने उसे गलत बताया और कहां कि ऐसा कुछ नहीं होगा, और मै उसे ठिक कर दूंगा। वाल्‍टर उस महिला को दवा इत्‍यादी देकर चले गये। अगले दिल उस महिला की अचानक मौत हो गयी उस समय वो महिला अपने बिस्‍तर पर नहीं थी, ब्‍लकी उसका शव उसी सीड़ी के पास पड़ा हुआ था जहां उस रूह का साया देखा गया था। आज भी वो रूह देखी जाती है, वो रूह देखने में एकदम पूरी तरह निली दिखायी देती है।


No comments:

Post a Comment