दुनिया में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां रूहों का वास होता है। रूहें, आत्माएं या फिर बुरी शक्तियां शुरू से ही इंसानी दिमाग के लिए एक क्वीदंती ही बनी रही हैं। कभी-कभी कुछ लोगों ने इन्हे महसूस किया है और अपने राय दूसरों को दिए हैं, लेकिन इंसानी स्वभाव या तो बहुत जल्दी ही किसी बात को मान लेता है या तो किसी डर की वजह से जिंदगी भर एक हकीकत से मूंह मोडे़ रहता है।
रूहों के बारे में एक बात बहुत से लोग जानना चाहतें है कि, आखिर ये रूहें या फिर आत्माएं कहां से आती हैं? या फिर इनका जन्म या निर्माण कैसे होता है? आपको बता दें कि इनका जन्म किसी जीव की मौत के बाद ही होता है। दुनिया में कई तरह की मौतें होती है जैसे कि, बिमारी से मौत, हत्या, आत्महत्या, हादसों से मौत या फिर एक सामान्य उम्र गुजरने के बाद मौत। लेकिन इन सारी मौतों में जो मौत सबसे अलग होती है वो है सामान्य उम्र गुजारने के बाद होने वाली मौत।
जो भी जीव इस पृथ्वी पर जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी तय होती है यहां तक माना जाता है कि जीव अपने जन्म के साथ अपने मौत का समय और जरीया भी साथ ही लाता है। लेकिन कभी कभी वो जीव अपने मौत के समय से पूर्व ही काल के गाल में समा जाता है जो कि अकाल मृत्यु कही जाती है। इंसानी जान पर केवल उसके भाग्य का ही अधिकार नहीं होता है अपितु उसके आस-पास के लोगों का भाग्य या वातावरण भी उसकी किस्मत और जीवन-मौत का फैसला कर देते हैं।
यही अकाल मृत्यु जोकि समय के पूर्व किसी जीव की हो जाती है तो उसे अपनी आयु पूरी करनी पड़ती है। अपनी आयु पूरी करने के लिए ही जीव शरीर को त्यागने के बाद भी इस मृत्यु लोक में रूहों और आत्माओं के रूप में भटकता रहता है। ऐसी रूहें जिनके साथ कोई हादसा हुआ हो, हत्या हुयी हो, या फिर उन्होंने आत्महत्या की हो। ये सारी आत्माएं परमात्मा की मर्जी से पहले ही अपना शरीर छोड़ देती हैं, लेकिन उन्हे अपना समय पूरा करने के बाद ही मृत्युलोक से मुक्ती मिलती है। अभी तक आपने इस सिरीज के लेख में बहुत सी भयानक इमारतों, होटलों, अस्पतालों के बारें में पढ़ा लेकिन इस बार आपको एक ऐसे टनल के बारें में बताया जायेगा जहां रूह का खौफ इतना है कि वहां इंसान माचिस की एक तीली जलाने मात्र से कांप उठता है।
स्क्रीमिंग टनल:
स्क्रीमिंग टनल जैसे कि नाम से ही आपको आभास हो गया होगा कि इस टनल का खौफ कीतना भयानक होगा। यह टनल कनाडा के ओनटेरियो के नियाग्रा फाल्स के पास स्थित है। इस टनल का निर्माण ग्रांड ट्रेक रेलवे लांइस के ठिक नीचे किया गया था। जो कि उस इलाके में पानी के बहाव को पास के खेतो आदी की तरफ मोडने के लिए प्रयोग किया जाता था। इस टनल को सन 1900 में बनवाया गया जो कि लगभग 16 फीट उंचा, और 125 फीट लंबा टनल है।
क्या हुआ था टनल में:
टनल के निर्माण के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन कुछ समय बाद ही एक ऐसा हादसा हुआ जिसने स-पास के लोगों को हिला कर रख दिया। चुकिं इस टनल के आस-पास उस वक्त कुछ खास आबादी नहीं थी और इस टनल में हमेशा पानी भी नहीं भरा रहता था। जब पानी बढ़ जाता था तब इस टनल का प्रयोग किया जाता था। उस समय इस टनल में कई हादसें हुए जिनमें से एक हादसा ऐसा था जिससे आज भी ओनटेरियो उबर नहीं पाया हैं।
यह उस समय की बात है जब इस टनल में पानी नहीं था। उस समय टनल के दक्षिण तरफ एक लकड़ी का घर था। उस घर में एक बाप बेटी रहा करते थे। उस समय टनल के पास बहुत तेज हवा चल रही थी, और चारों तरफ भयानक अंधेरी रात थी। इसी दौरान उस मकान में अचानक आग लग गयी। उस समय घर में वो लड़की अकेले अपने पिछले कमरे थी। हवा का रूख भी उसी तरफ था और देखते-देखते आग ने पुरी तरह उस मकान को अपने आगोश में ले लिया।
तब लड़की को आग का पता चला तो वो घर के पिछले हिस्से से भागने के लिए उठी, तब तक आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया था और मकान का एक हिस्सा उसके उपर आ गिरा। लड़की किसी तरह वहां से भागी लेकिन उसके कपड़ो में आग पकड़ चुकी थी। लड़की खुद को बचाने के लिए टनल की तरफ भागी ताकि वो टनल के पानी में कूद सके। लेकिन जब तक वो टनल तक पहुंची वो बुरी तरह जल चुकी थी और जब उसने टनल में छलांग लगायी तो सीधे जमीन पर आ गिरी। टनल में उस समय पानी नहीं छोड़ा गया था। आग से बुरी तरह लीपटी हुयी उस लड़की की चीखउस इलाके में गूंज गई। उसकी चीख इतनी भयानक थी कि आस-पास के कई लोग वहां आ पहुंचे और टनल के उपर से आग से लड़ती हुई इस लड़की को देखते रहे, लेकिन किसी ने भी उसे बचाने की हिम्मत नहीं की और आखिरकार आग से हारकर उस जवान लड़की ने वहीं दम तोड़ दिया।
इसके अलांवा एक और हादसा इस टनल में हुआ, ये हादसा भी एक युवती के साथ ही हुआ। टनल के आस-पास के लोगों का मानना है कि एक बार रात में कुछ वहशी दरिन्दो ने एक लड़की के साथ इस टनल के अन्दर सामूहिक बलात्कार किया था। इतना ही नहीं बलात्कार करने बाद उन दरिन्दों नक अपनी काली करतूत छिपाने के लिए उस बेचारी लडकी के उपर तेल डालकर उसे जला दिया था। लोगों का कहना है कि उस समय वो लड़की भी बहुत भयानक चिख रही थी। लेकिन आस-पास के लोग पुराना हादसा देखे थे और उन्हे लगा कि शायद उसी लड़की की रूह चीख रही है।
सुबह जब लोग टनल के पास गये तो देखा कि एक लड़की का अधजला शव जमीन पर पड़ा था और टनल की दिवारों पर उस लड़की के चढ़ने के निशान भी मौजूद थे। तब से लेकर आज तक उस टनल के आस-पास रात में गुजरने से भी लोग डरते हैं। लोगों का कहना है कि आज भी रात में कोई उधर से गुजरता है तो टनल के अंदर से सिसकने और शरीर के जलने जैसी बदबू आती हैं।
टनल में रूहें:
ऐसा माना जाता है कि कोई भी टनल में रौशनी करता है तो उन दोनों ही लड़कियों की रूहे परेशान हो जाती हैं। एक बार टनल की सफाई के लिए एक आदमी टनल में उतारा गया था। उस समय वो टनल की सफाई करते-करते थक गया था। उसी समय उसने पास से एक सिगरेट निकाली और उसे जलाने के लिए माचिस निकाली। जैसे ही उसने माचिस जलाई माचिस बुझ गयी, उसने दोबारा कोशिश की तो तेज हवा टनल की दूसरी तरफ से चलने लगी।
उसके बाद वो वहां से उठा और हवा से बचने के लिए टनल के अंदर चला गया और एक कोने में जाकर माचिस जलाने लगा। जैसे ही उसने तीसरी बार माचिस जलाई तभी एक भयानक चीख उस टनल में गुंज गयी और उस सफाईकर्मी ने अपने सिर के ठिक उपर एक लड़की के साये को देखा जो कि किसी छिपकली की तरफ टनल के दिवारों से चिपकी थी उसका पुरा चेहरा जला था और वो बार-बार चीख रही थी।
चीख इतनी भयानक थी कि आस-पास के लोगों ने भी उसे सुना। टनल के उपर काम कर रहे लोग दौड़कर टनल के अंदर झुक कर देखने लगे। तो उन्होने देखा कि वो आदमी टनल के अंदर जमीन पर बेहोश पड़ा है और उसके हाथ में माचिस थी। किसी तरह उसे बाहर निकाला गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वो आदमी जिंदा बच गया और उसने आपनी आप बीती लोगों को बतायी लेकिन कुछ दिनो के बाद उसका मानसिक सुतुलन बिगड़ गया।
आज भी लोग करते है महसूस:
आज भी उन दोनों रूहों को लोग महसूस करते हैं। इस समय भी यदि आप टनल के बीचों बीच जाकर एक माचिस की तीली जलाते है तो एक भयानक चीख आप आसानी से सुन सकते हैं। लेकिन इसके लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। ऐस करने के दौरान आपकी जान पर भी बन सकती है।
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