डिटेक्टिव्ह सॅम वेअरहाऊसमें अबभी जमिनपर पडा हूवा था. लेकिन अब वह उस ट्रान्स स्टेटसे बाहर आ गया था. उसने झटसे कॉम्प्यूटरके मॉनिटरकी तरफ देखा. अब कॉम्प्यूटर बंद था. उसने वेअरहाउसमें इधर उधर देखा. अब बाहर सवेरा हो गया था और अंदर वेअरहाऊसमें अच्छी खासी रोशनी आ रही थी. कुछ देर पहले जोर जोरसे बह रहे हवाके झोकेभी थम गए थे. वह अब उठकर खडा हो गया और सोचने लगा. इतनेमें उसका खयाल कुछ देर पहले निचे गिरे हूए फोटो फ्रेमकी तरफ गया. उसने वह फ्रेम उठाई और सिधी कर देखी. वह एक ग्रुप फोटो था. ऍंथोनी और उन चार नॅन्सीके कातिलोंका.
उसे अब एक एक बात एकदम स्पष्ट हो चूकी थी. वह जब निचे पडा हूवा था और उसे जो एक एक दृष्य दिखाई दिया था, शायद नॅन्सीके अदृष्य और अतृप्त रुहको वह उसे बताना था. लेकिन उसे वह बतानेकी जरुरत क्यो पडी थी? वह उसे ना बताए हूएभी नॅन्सी जो चाहिए वह अबतक हासिल करते आई थी और आगेभी हासिल कर सकती थी.
फिर उसने यह उसे क्यो बताया था ?...
जरुर कोई वजह होगी ?...
इसमें उसका जरुर कोई उद्देश होगा ...
ऍंथोनीके केसकी काफी दिनोंसे कोर्टमें कार्यवाही चल रही थी. हर बार सॅम कोर्टमें कामकाजके दौरान हाजिर रहता था और वहा बैठकर सब कार्यवाही सुनता था. इधर केसका कामकाज चलता था और उसके दिमागमें वह एकही सवाल घुमते रहता था की नॅन्सीने वह सब बतानेके लिए उसेही क्यो चुना होगा? और नॅन्सीका वह सब उसे बतानेका क्या मकसद रहा होगा ?
की वह सब कुछ उसने कोर्टमें बयान करना चाहिए ऐसा तो नॅन्सीको अपेक्षीत नही होगा ?...
लेकिन अगर वह सब उसने कोर्टमें बताया तो उसपर कौन विश्वास करनेवाला था ?...
उलटा एक जिम्मेदार डिटेक्टीव्हके मुंहसे ऐसी अंधश्रध्दायुक्त बातें सुनकर लोगोंने उसे न जाने क्या क्या कहा होता...
सिर्फ कहा सुनायाही नही तो उसका आगेका पुरा करीयर सवालोंके और शकके घेरेमें आया होता...
वह सोच रहा था. लेकिन आज उसे विचारोंके जंजालमें नही फसना था. आज उसे कोर्टकी कार्यवाही पुरी तरह ध्यान देकर सुननी थी. क्योंकी आज केसचा नतिजा निकलने वाला था.
आखिर इतनी दिनोंसे घसिटते हूए चल रहे केसके सब जाब जबाब हो चुके थे. सॅमकीभी जबानी हो चूकी थी. उसने जो साबीत किया जा सकता था वह सब बताया था.
आखिर वह वक्त आया था. वह पल आ चूका था जिसकी सारे लोग बडी बेचैनीसे राह देख रहे थे - केसके परिणामकी. सॅम अपने कुर्सीपर बैठकर जज क्या फैसला सुनाता है यह सुननेके लिए जजकी तरफ देखने लगा. वैसे उसके चेहरेपर किसीभी भावका अस्तित्व नही था. कोर्टरुममें उपस्थित बाकी सब लोग सांस रोककर जजका आखरी फैसला सुननेके लिए बेताब थे.
जज फैसला सुनाने लगा -
'' सारे सबुत, सारे जाबजवाब, और खुद मि. ऍंथोनी क्लार्कने दिया स्टेटमेंटकी ओर ध्यान देते हूए कोर्ट इस नतिजेपर पहूंचा है की मि. स्टिव्हन स्मिथ, मि. पॉल रोबर्टस, मि. रोनाल्ड पार्कर और मि. क्रिस्तोफर अंडरसन इन चारोभी कत्लमें मि. ऍंथोनी क्लार्क मुजरीम पाया गया है. उसने वह चारो खुन जानबुझकर और पुरी योजना और सतर्कताके साथ किए है. ''
फैसला सुनानेसे पहले जजने एक बडा पॉज लिया. कोर्टमें उपस्थित लोगोंपर अपनी नजर दौडाई और आगे अपना फैसला सुनाया -
'' ...इसलिए कोर्ट मुजरीम ऍंथोनी क्लार्कको देहांतकी सजा सुनाता है ''
जजने आखरी फैसला सुनाया था. इस फैसलेका जिन चार लोगोंके कत्ल हूए थे उनके रिश्तेदारोंने तालियां बजाकर स्वागत किया तो काफी लोगोंको यह फैसला पसंद नही आया. नॅन्सीका भाई जॉर्ज तो नाराजगी जाहिर करते हूए कोर्टरुमसे उठकर चला गया. लेकिन डिटेक्टीव सॅमके चेहरेपर कोई भाव नही उभरे थे. ना खुशीके ना गमके. लेकिन फैसला सुननेके बाद सॅमको काफी दिनोंसे सतारहे सवालका जवाब मिल गया था.
क्रमश:...
उसे अब एक एक बात एकदम स्पष्ट हो चूकी थी. वह जब निचे पडा हूवा था और उसे जो एक एक दृष्य दिखाई दिया था, शायद नॅन्सीके अदृष्य और अतृप्त रुहको वह उसे बताना था. लेकिन उसे वह बतानेकी जरुरत क्यो पडी थी? वह उसे ना बताए हूएभी नॅन्सी जो चाहिए वह अबतक हासिल करते आई थी और आगेभी हासिल कर सकती थी.
फिर उसने यह उसे क्यो बताया था ?...
जरुर कोई वजह होगी ?...
इसमें उसका जरुर कोई उद्देश होगा ...
ऍंथोनीके केसकी काफी दिनोंसे कोर्टमें कार्यवाही चल रही थी. हर बार सॅम कोर्टमें कामकाजके दौरान हाजिर रहता था और वहा बैठकर सब कार्यवाही सुनता था. इधर केसका कामकाज चलता था और उसके दिमागमें वह एकही सवाल घुमते रहता था की नॅन्सीने वह सब बतानेके लिए उसेही क्यो चुना होगा? और नॅन्सीका वह सब उसे बतानेका क्या मकसद रहा होगा ?
की वह सब कुछ उसने कोर्टमें बयान करना चाहिए ऐसा तो नॅन्सीको अपेक्षीत नही होगा ?...
लेकिन अगर वह सब उसने कोर्टमें बताया तो उसपर कौन विश्वास करनेवाला था ?...
उलटा एक जिम्मेदार डिटेक्टीव्हके मुंहसे ऐसी अंधश्रध्दायुक्त बातें सुनकर लोगोंने उसे न जाने क्या क्या कहा होता...
सिर्फ कहा सुनायाही नही तो उसका आगेका पुरा करीयर सवालोंके और शकके घेरेमें आया होता...
वह सोच रहा था. लेकिन आज उसे विचारोंके जंजालमें नही फसना था. आज उसे कोर्टकी कार्यवाही पुरी तरह ध्यान देकर सुननी थी. क्योंकी आज केसचा नतिजा निकलने वाला था.
आखिर इतनी दिनोंसे घसिटते हूए चल रहे केसके सब जाब जबाब हो चुके थे. सॅमकीभी जबानी हो चूकी थी. उसने जो साबीत किया जा सकता था वह सब बताया था.
आखिर वह वक्त आया था. वह पल आ चूका था जिसकी सारे लोग बडी बेचैनीसे राह देख रहे थे - केसके परिणामकी. सॅम अपने कुर्सीपर बैठकर जज क्या फैसला सुनाता है यह सुननेके लिए जजकी तरफ देखने लगा. वैसे उसके चेहरेपर किसीभी भावका अस्तित्व नही था. कोर्टरुममें उपस्थित बाकी सब लोग सांस रोककर जजका आखरी फैसला सुननेके लिए बेताब थे.
जज फैसला सुनाने लगा -
'' सारे सबुत, सारे जाबजवाब, और खुद मि. ऍंथोनी क्लार्कने दिया स्टेटमेंटकी ओर ध्यान देते हूए कोर्ट इस नतिजेपर पहूंचा है की मि. स्टिव्हन स्मिथ, मि. पॉल रोबर्टस, मि. रोनाल्ड पार्कर और मि. क्रिस्तोफर अंडरसन इन चारोभी कत्लमें मि. ऍंथोनी क्लार्क मुजरीम पाया गया है. उसने वह चारो खुन जानबुझकर और पुरी योजना और सतर्कताके साथ किए है. ''
फैसला सुनानेसे पहले जजने एक बडा पॉज लिया. कोर्टमें उपस्थित लोगोंपर अपनी नजर दौडाई और आगे अपना फैसला सुनाया -
'' ...इसलिए कोर्ट मुजरीम ऍंथोनी क्लार्कको देहांतकी सजा सुनाता है ''
जजने आखरी फैसला सुनाया था. इस फैसलेका जिन चार लोगोंके कत्ल हूए थे उनके रिश्तेदारोंने तालियां बजाकर स्वागत किया तो काफी लोगोंको यह फैसला पसंद नही आया. नॅन्सीका भाई जॉर्ज तो नाराजगी जाहिर करते हूए कोर्टरुमसे उठकर चला गया. लेकिन डिटेक्टीव सॅमके चेहरेपर कोई भाव नही उभरे थे. ना खुशीके ना गमके. लेकिन फैसला सुननेके बाद सॅमको काफी दिनोंसे सतारहे सवालका जवाब मिल गया था.
क्रमश:...
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